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अलविदा २०२३ एवं स्वागत २०२४

आज दिनांक २७.१२.२३ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:
शीर्षक अलविदा २०२३ एवं स्वागत २०२४
अलविदा है वर्ष तेइस, अलविदा है आपको,
अश्रु पूरित हैं निग़ाहैं,मधुर‌ विदाई आपको।

श्री राम के  मन्दिर का स्वप्न पूरा हो पाया है,
तुम्हारे काल मे ‌हे तेइस ये शुभ अवसर आ पाया है।

अतिरिक्त आय करने वालों से कुछ प्रदेश भी निकल गये,
आशा है अब उन प्रदेश को अवसर मिलेंगे नये नये।

दीन-हीन मानव के साथी तुम ही तो थे बने हूये
और भी शायद उन्नति होगी अवसर होंगे नये नये।

स्वागत है वर्ष चौबीस तेरा, अभिनन्दन हम करते हैं,
सब लोगों को सुखदायक हो,यही कामना करते हैं ।

दुष्टों को प्रतिफल मिलना है, देश-निकाला देना होगा,
कपाट  राम के मन्दिर  जनता हित खुलना होगा।

अर्थव्यवस्था संभल रही है,गति उसकी बढ़ानी है,
मध्यम और लघु उद्योगों की व्यवस्था उचित करानी है।

ए नव वर्ष तुम हो आंग्ल सभ्यता,हम तो नहीं मनाते हैं,
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही नव-वर्ष कहाते हैं।

नयी नयी फ़सल आती है,कृषक वर्ग प्रफुल्लित होता,
नये नये वस्त्र पहन कर वाल वर्ग आल्हादित होता।

हे चौबीस है विनंती तुमसे सब जनता का रखना ध्यान,
हमे किसी से बैर नहीं,करते हैं सबका सम्मान।

गांधी जी के दूसरे गाल की अब हुयी बात पुरानी है,
समझाने से माने नहीं जो ,बन जाता एक कहानी है।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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5 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Khushbu

27-Dec-2023 08:29 PM

Nice one

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Shahana Parveen

27-Dec-2023 06:16 PM

आदरणीय जी बहुत सुन्दर रचना आपको सपरिवार आने वाले वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं 🎊🎉

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